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विदेशी बाजारों में पाम तेल के भाव में तेजी, सरसों और सोयाबीन की बढ़ती कीमतें भर रही हैं किसानों की जेबें

विदेशी बाजारों में पाम तेल के भाव में तेजी, सरसों और सोयाबीन की बढ़ती कीमतें भर रही हैं किसानों की जेबें

    

विदेशी बाजारों में पाम तेल के भाव में तेजी, सरसों और सोयाबीन की बढ़ती कीमतें भर रही हैं किसानों की जेबें

इस समय हालात यह है कि सरसों, मूंगफली, बिनौला के दाम सोयाबीन के मुकाबले कम हैं. वहीं कच्चा पाम तेल भी लगातार मजबूती में बना हुआ है.


Mustard Oil

खाद्य तेल के मामले में हम दूसरे देशों पर निर्भर हैं.


विदेशी बाजारों में सोयाबीन और पॉम तेल के भाव ऊंचे रहने से स्थानीय तेल तिलहन बाजार में गुरुवार को तेजी का सिलसिला जारी रहा. सरसों तिलहन के भाव 100 रुपये क्विंटल बढ़ गए, वहीं तेल सरसों मिल डिलीवरी 300 रुपये प्रति क्विंटल उछल गया. कांडला बंदरगाह पर सोयाबीन डीगम 450 रुपये चढ़कर 14,500 रुपये क्विंटल बोला गया. तेल उद्योग के जानकारों के अनुसार, किसान मंडियों में सरसों की कम ऊपज ला रहे हैं जबकि सस्ता होने और लॉकडाऊन के दौरान तेल सरसों की मांग भी बनी हुई है, क्योंकि इन दिनों सरसों मिलावट से मुक्त है.


दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में गुरुवार को सरसों का भाव 7200-7250 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रहा. सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य-एमएसपी 4650 रुपये प्रति क्विंटल है.


विदेशी बाजार में तेजी का मिल रहा फायदा

तेल उद्योग के जानकारों का कहना है कि विदेशों में बाजार लगातार तेज बने हुए हैं. शिकागो में सोयाबीन डीगम और मलेशिया में कच्चा पॉम तेल लगातार तेज बोला जा रहा है. यही वजह है कि घरेलू बाजारों में भी तेल- तिलहन के दाम लगातार ऊंचे चल रहे हैं. बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को विदेशी घट बढ़ से घरेलू बाजार को बचाने के उपाय करने चाहिए. आने वाले दिनों में यदि विदेशों में खाद्य तेलों का बाजार टूटा तो उसका असर घरेलू बाजार पर पड़ना तय है.

विदेशी बाजारों में पाम तेल के भाव में तेजी, सरसों और सोयाबीन की बढ़ती कीमतें भर रही हैं किसानों की जेबें


सोयाबीन और मुंगफली के दाम भी बढ़े

इस समय हालात यह है कि सरसों, मूंगफली, बिनौला के दाम सोयाबीन के मुकाबले कम है. वहीं कच्चा पाम तेल भी लगातार मजबूती में बना हुआ हैं. सरसों तेल (दादरी) का मिल डिलीवरी भाव 300 रुपये बढ़कर 15,000 रुपये हो गया. वहीं सोयाबीन तेल, दिल्ली में 150 रुपये बढ़कर 15,500 रुपये क्विंटल पर बोला गया.


कांडला बंदरगाह पर सोयाबीन डीगम का भाव 450 रुपये बढ़कर 14,500 रुपये क्विंटल बताया गया. माल की तंगी से बिनौला तेल हरियाणा 100 रुपये बढ़कर 14,900 रुपये क्विंटल पर पहुंच गया. जबकि रिफाइंड पामोलिन तेल 100 रुपये बढ़कर 14,100 रुपये क्विंटल हो गया.


पामोलिन तेलों में तेजी

बाजार के जानकारों का कहना है कि घरेलू तेल- तिलहन बाजार में इस समय जो भी तेजी देखी जा रही है उसके पीछे विदेशों में सोयाबीन और पामोलिन तेलों की तेजी है. विदेशों से यदि ऊंचे भाव पर खाद्य तेलों का आयात होगा तो फिर घरेलू बाजार को भी समर्थन मिलेगा.


‘‘हमें उस स्थिति पर नजर रखने की जरूरत है जब विदेशों में खाद्य तेलों के भाव नीचे आएंगे, तब घरेलू बाजार को किस प्रकार समर्थन मिलेगा यह देखने की बात है. इसमें स्थिरता लाने के लिये खाद्य तेलों के मामले में आत्मनिर्भर होना जरूरी है.’’

विदेशी बाजारों में पाम तेल के भाव में तेजी, सरसों और सोयाबीन की बढ़ती कीमतें भर रही हैं किसानों की जेबें


बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन – 7,100 – 7,200 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये

सरसों तेल दादरी- 14700 रुपये प्रति क्विंटल

सरसों पक्की घानी- 2235 -2315 रुपये प्रति टिन.

सरसों कच्ची घानी- 2415 – 2445 रुपये प्रति टिन.

तिल तेल मिल डिलिवरी – 15200 – 18200 रुपये

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 15350 रुपये

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 15000 रुपये.

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 14020 रुपये.

पीटीआई इनपुट के साथ


Editing by : P.S.Chaudhary

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