OBC क्रमिलियर की सीमा बढ़ाकर 11 लाख करने पर विचार कर रही सरकार - पर नए नियम से कई हो जाएंगे आरक्षण दायरे से बाहर
सैलरी को 'growth income' का हिस्सा मानने पर OBC वर्ग के व्यक्ति को Goverment jobs और education में मिलने वाले आरक्षण के लाभ पर असर पड़ सकता है।
Modi Goverment अन्य obc क्रीमी लेयर की आय सीमा बढ़ाकर 8 लाख सालाना से 11 लाख करने पर विचार कर रही है। एक एक्सपर्ट कमेटी ने सिफारिश की है कि ‘sellery’ को ‘ग्रॉस इनकम’ का ही हिस्सा माना जाना चाहिए। sellery को ‘ग्रॉस इनकम’ का हिस्सा मानने पर obc वर्ग के व्यक्ति को Goverment jobs और Education में मिलने वाले आरक्षण के लाभ पर असर पड़ सकता है।
Goverment की इस सिफारिश को अगर अमल में लाया जाता है तो नए नियम से कई लोग आरक्षण के दायरे से बाहर हो जाएंगे। times of India में छपी एक news के मुताबिक मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस एंड एम्पावरमेंट ने एक एक्सपर्ट कमेटी के सुझावों पर ही obvious के लिए क्रीमी लेयर की गणना में वेतन के समावेश की सिफारिश की है।
अब यह Goverment के ऊपर है कि वह इन सिफारिशों को मानती है या नहीं। अगर किसी की सालान इनकम 11 लाख से ज्यादा है तो उसे ओबीसी क्रीमीलेयर के तहत आरक्षण का फायदा नहीं मिलेगा। बता दें कि क्रीमी लेयर टर्म का इस्तेमाल obc Cast के उन व्यक्तियों के लिए होता है जो अपेक्षाकृत ज्यादा समृद्ध और पढ़े-लिखे हैं।
मौजूदा समय में 8 लाख या इससे ज्यादा आय वाले obc वर्ग के व्यक्ति को ‘क्रीमी लेयर’ में गिना जाता है। क्रीम लेयर पर 1993 के ऑफिस मेमोरेंडम के मुताबिक मौजूदा समय में ‘sellery’ और ‘agriculture’ को ‘ग्रॉस इनकम’ के दायरे से बाहर किया गया है।
मालूम हो कि बीते हफ्ते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में मंत्रियों के एक समूह को obc के बीच क्रीमी लेयर को परिभाषित करने और निर्धारित 8 लाख रुपये की शालाना आय सीमा को संशोधित करने का काम सौंपा गया है। बहरहाल Goverment इसपर क्या फैसला लेती है यह देखने वाली बात होगी।
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